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________________ श्री कल्पसूत्र-बालावबोध (115) है। पूज्यपने का तथा धर्म के काम के लिए नहीं है। जैसे लोक व्यवहार में जुहार करते हैं, उसे भी वन्दन कहते हैं। वैसे ही यह भी जानना। ___इसके बाद सिद्धार्थ राजा ने त्रिशला क्षत्रियाणी को पडिच्छ में बिठाया। वह भी हाथ में फल-फूल ले कर बैठी। फिर सिद्धार्थ राजा ने विनयपूर्वक स्वप्नलक्षण-पाठकों से कहा कि हे देवानुप्रियो ! आज त्रिशला क्षत्रियाणी ने महान गज-वृषभादिक चौदह स्वप्न अल्प निद्रा में सोते हुए देखे हैं। इन चौदह स्वप्नों का कल्याणकारी फल क्या होगा? तब स्वप्न-लक्षण-पाठक सिद्धार्थ क्षत्रिय राजा के मुख से यह प्रश्न सुन कर बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने उन स्वप्नों को हृदय में धारण किया। फिर वे अर्थ का विचार करने लगे। उन्होंने आपस में विचार कर के उन स्वप्नों का अर्थ ग्रहण किया तथा आपस में एक-दूसरे से पूछ कर निश्चय किया। फिर वे सिद्धार्थ राजा के आगे स्वप्नशास्त्र का विचार कहने लगे। वह अब शास्त्रान्तर से लिखते हैंस्वप्नों के भेद और चौदह स्वप्नों का फल मनुष्य को नौ प्रकार से स्वप्न आते हैं। उनमें प्रथम तो जानी हुई बात सपने में आती है, दूसरे में सुनी हुई बात वह सपने में देखता है, तीसरे में दिन में देखी हुई वस्तु सपने में देखता है, चौथे में वात, पित्त, कफ के विकार से स्वप्न आता है, पाँचवें में वह सहज स्वभाव से स्वप्न देखता है अथवा. मलमूत्रादि की पीड़ा के कारण स्वप्न देखता है, छठे में चिन्ता के कारण स्वप्न देखता है। इन छह कारणों से जो स्वप्न आता है, वह निष्फल है। उसका कोई शुभाशुभ फल प्राप्त नहीं होता। सातवें में देव के सान्निध्य से स्वप्न देखता है, आठवें में धर्म-कर्म में लीन जो मनुष्य बहुत धर्म करता है, उसे धर्म के प्रभाव से उत्कृष्ट पुण्य के योग से स्वप्न आता है, नौवें में बहुत उत्कृष्ट पाप के उदय से स्वप्न आता है। पश्चात् के ये तीन स्वप्न यदि प्राणी देखता है, तो इनका शुभाशुभ फल अवश्य पाता है। ये स्वप्न खाली नहीं जाते। तथा धातुप्रकोप से वायु की अधिकता हो तब वृक्ष, पर्वतशिखर पर चढ़ने का तथा आकाश में उड़ने का स्वप्न देखे; पित्त प्रकोप से सोना, रत्न,
SR No.004498
Book TitleKalpsutra Balavbodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay, Jayantsensuri
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trust
Publication Year1998
Total Pages484
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_kalpsutra
File Size10 MB
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