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________________ . ८-निरयावलिका-यह आठवां उपांग है, इसके दस अध्ययन हैं और यह कालिक (जिसकी.स्वाध्याय का समय नियत हो) है। ९-कल्पावतंसिका-यह नौवां उपांग है, इस के दस अध्ययन हैं और यह कालिक १०-पुष्पिका-यह सूत्र कालिक है और इसके दस अध्ययन हैं। ११-पुष्पचूलिका-यह सूत्र कालिक है, इस के दस अध्ययन हैं। .. १२-वृष्णिदशा-यह सूत्र कालिक है, इस के बारह अध्ययन हैं। मूलसूत्र 4 हैं, जिन का नामपूर्वक संक्षिप्त परिचय निम्नोक्त है १-उत्तराध्ययन-इस में विनयश्रुत आदि 36 उत्तर-प्रधान अध्ययन होने से यह उत्तराध्ययन कहलाता है। २-दशवैकालिक-यह सूत्र दश अध्ययनों और दो चूलिकाओं में विभक्त है। इस में प्रधानतया साधु के 5 महाव्रतों तथा अन्य आचारसम्बन्धी विषयों का वर्णन किया गया है, और यह उत्कालिक है। ३-नन्दीसूत्र-इस में प्रधानतया मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मन:पर्यवज्ञान और केवलज्ञान इन पांच ज्ञानों का वर्णन किया गया है और यह उत्कालिक (जिसकी स्वाध्याय का समय नियत न हो) सूत्र है। ४-अनुयोगद्वार-अनुयोग का अर्थ है-व्याख्यान करने की विधि। उपक्रम, निक्षेप, अनुगम और नय इन चार अनुयोगों का जिस में वर्णन हो उसे अनुयोगद्वार कहते हैं। __छेदसूत्र भी 4 हैं। इन का नामपूर्वक संक्षिप्त परिचय निम्नोक्त है १-दशाश्रुतस्कंध-इस सूत्र में दश अध्ययन होने से इस का नाम दशाश्रुतस्कंध है और यह कालिक है। / २-बृहत्कल्प-कल्प शब्द का अर्थ मर्यादा होता है। साधुधर्म की मर्यादा का विस्तारपूर्वक प्रतिपादन होने से यह सूत्र बृहत्कल्प कहलाता है। ३-निशीथ-इस सूत्र में बीस उद्देशक हैं। इस में गुरुमासिक, लघुमासिक तथा गुरु चातुर्मासिक तथा लघु चातुर्मासिक प्रायश्चितों का प्रतिपादन है। ४-व्यवहारसूत्र-जिसे जो प्रायश्चित आता है उसे वह प्रायश्चित देना व्यवहार है। इस सूत्र में प्रायश्चितों का वर्णन किया गया है। इसलिए इसे व्यवहारसूत्र कहते हैं। ग्यारह अंग, बारह उपांग, चार मूल और चार छेद ये सब 31 सूत्र होते हैं। इन में आवश्यक सूत्र के संयोजन करने से इन की संख्या 32 हो जाती है। साधु और गृहस्थ को द्वितीय श्रुतस्कंध] श्री विपाक सूत्रम् / प्रथम अध्याय [945
SR No.004496
Book TitleVipak Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmuni, Shivmuni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2004
Total Pages1034
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vipakshrut
File Size21 MB
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