________________ श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् अवर्णस्याऽऽमः साम् / 1 / 4 / 15 // अवर्णान्तस्य सर्वादेरामः ‘साम्' स्यात् / सर्वेषाम्, विश्वासाम् // 15 // नवभ्यः पूर्वेभ्य इ-स्मात्-स्मिन् वा // 14 // 16 // पूर्वादिभ्यो नवभ्यो ये इ-स्मात्-स्मिनो यथास्थानमुक्तास्ते वा स्युः / पूर्वे, पूर्वाः। पूर्वस्मात् पूर्वात् / पूर्वस्मिन्, पूर्वे इत्यादि / नवभ्य इति किम् ? त्ये // 16 // आपो ङितां यै-यास्-यास्-याम् / 1 / 4 / 17 // आबन्तस्य ङिताम्- डे-सि-स्-डीनां यथासंख्यम् ‘यै-यास्यास्यामः' स्युः / खट्वायै, खटायाः, खट्वायाः, खटायाम् // 17 // सवदिईसपूर्वाः // 14 // 18 // सवदिराबन्तस्य ङिताम् ‘यै-यास्यास्यामस्ते डस्पूर्वाः' स्युः / सर्वस्यै, सर्वस्याः, सर्वस्याः, सर्वस्याम् // 18 // टौस्येत् / / 4119 // आबन्तस्य टौसोः परयोरेकारः स्यात् / बहुराजया, बहुराजयोः // 19 // . औता / 114 // 20 // आबन्तस्य ‘औता सहकारः' स्यात् / माले स्तः पश्य वा // 20 // इदुतोऽस्नेरीदूत / 114 // 21 // स्नेरन्यस्येदन्तस्योदन्तस्य च औता सह यथासंख्यम् 'ईदूतौ' स्याताम् / मुनी, साधू / अस्त्रेरिति किम् ? अतिस्त्रियौ नरौ // 21 // जस्येदोत् / / 4 / 22 // . इदुदन्तयोर्जसि परे यथासंख्यम् ‘एदोतो' स्याताम् / मुनयः, साधवः // 22 // ङित्यदिति / 1 / 4 / 23 // अदिति ङिति स्यादौ परे, इदुदन्तयोर्यथासंख्यम् ‘एदोती' स्याताम् / अति