________________ 302 श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् 1900 मूत्रण प्रनवणे / / 1922 वासण उपसेवायाम् / 1901 पार 1902 तीरण | 1923 निवासण आच्छादने / कर्मसमाप्तौ / / 1924 चहण कल्कने / 1903 कत्र 1904 गात्रण | 1925 महण पूजायाम् / शैथिल्ये / / 1926 रहण त्यागे / 1905 चित्रण चित्रक्रिया- | 1927 रहुण गतौ / कदाचिदृष्ट्योः / | 1928 स्पृहण ईप्सायाम् / 1906 छिद्रण भेदे / 1929 रुक्षण पारुष्ये / 1907 मिश्रण संपर्चने / // इति परस्मैभाषाः // 1908 वरण ईप्सायाम् / 1909 स्वरण आक्षेपे / 1910 शारण दौर्बल्ये / 1930 मृगणि अन्वेषणे / . 1931' अर्थणि उपयाचने / 1911 कुमारण क्रीडायाम् / 1932 पदणि गतौ / 1912 कलण् संख्यान-गत्योः / 1933 संग्रामणि युद्धे / 1913 शीलण उपधारणे / 1934 शूर - 1935 वीरणि 1914 वेल 1915 कालण् . विक्रान्तौ / उपदेशे। | 1936 सत्रणि सन्दानक्रियायाम् / 1916 पल्यूलण लवन-पवनयोः / / 1937 स्थूलणि परिवृंहणे / 1917 अंशण समाघाते / 1938 गर्वणि माने / 1918 पषण अनुपसर्गः / 1939 गृहणि ग्रहणे / (पषी बाधन-स्पर्शनयोः, पषण् बन्धन) | 1940 कुहणि विस्मापर्ने / 1919 गवेषण मार्गणे / 1920 मृषण् क्षान्तौ / // इति आत्मनेभाषाः // 1921 रसण आस्वादन-स्नेहनयोः / /