________________ श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् . 301 तक्रियायाम् / | 1874 गणण् सङ्ख्याने / 1851 अङ्गण पद-लक्षणयोः / 1875 कुण 1876 गुण | 1852 अघण् पापकरणे / 1877 केतण आमन्त्रणे / 1853 रचण् प्रतियले / 1878 पतण गतौ वा / 1854 सूचण् पैशून्ये / 1879 वातण गति-सुखसेवनयोः / 1855 भाजण पृथक्कर्मणि / 1880 कथण् वाक्यप्रबन्धे / 1856 सभाजण् प्रीति-सेवनयोः / 1881 श्रथण दौर्बल्ये / 1857 लज 1858 लजुण 1882 छेदण द्वैधीकरणे / प्रकाशने / 1883 गदण् गर्ने / 1859 कूटण दाहे / 1884 अन्धण् दृष्ट्युपसंहारे / 1860 पट 1861 वटण ग्रन्थे / / 1885 स्तनण गर्ने / 1862 खेटण् भक्षणे / / 1886 ध्वनण् शब्दे / 1863 खोटण क्षेपे / 1887 स्तेनण् चौर्ये / 1864 पुटण् संसर्गे / 1888 ऊनण् परिहाणे / 1865 वटुण विभाजने / 1889 कृपण दौर्बल्ये / 1866 शठ 1867 श्वठण | 1890 रूपण रूपक्रियायाम / - सम्यग्भाषणे / | 1891 क्षप 1892 लाभण प्रेरणे। 1868 दण्डण दण्डनिपातने / / 1893 भामण् क्रोधे / 1869 व्रणण गात्रविचूर्णने / 1894 गोमण उपलेपने / 1870 वर्णण वर्णक्रिया-विस्तार- 1895 सामण सान्त्वने / गुणवचनेषु / | 1896 श्रामण आमन्त्रणे / 1871 पर्णण. हरितभावे / 1897 स्तोमण श्लाघायाम् / 1872 कर्णण भेदे / . 1898 व्ययण वित्तसमुत्सर्गे। 1873 तूणण संकोचने / 1899 सूत्रण विमोचने /