________________ - श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् 297 1645 चितुण् स्मृत्याम् / 1670 डुपु 1671 डिपुण् 1646 पुस्त 1647 बुस्तण संघाते / आदरा-ऽनादरयोः / / 1672 शूर्पण माने / 1648 मुस्तण संघाते / 1673 शुल्बण सर्जने च / 1649 कृतण संशब्दने / 1674 डबु 1675 डिबुण क्षेपे / 1650 स्वर्त 1651 पथुण गतौ / 1676 सम्बण सम्बन्धे / 1652 श्रथण प्रतिहर्षे / 1677 कुबुण् आच्छादने / 1653 पृथण प्रक्षेपणे / 1678 लुबु 1679 तुबुण 1654 प्रथण प्रख्याने / अर्दने / 1655 छदण संवरणे / 1680 पुर्बण निकेतने / 1656 चुदण संचोदने / ' 1681 यमण परिवेषणे / 1657 मिदुण् स्नेहने / 1682 व्ययण क्षये / 1658 गुर्दण् निकेतने / 1683 यत्रुण संकोचने / 1659 छर्दण् वमने / 1684 कुद्रुण अनृतभाषणे / 1660 बुधुण् हिंसायाम् / 1685 श्वभ्रण गतौ / 1661 वर्धण् छेदन-पूरणयोः / 1686 तिलण् स्नेहने / 1662 गर्धण अभिकाङ्क्षायाम् / 1687 जलण अपवारणे / 1663 बन्ध 1664 बधण 1688 क्षलण शौचे। . संयमने / / 1689 पुलण समुच्छ्राये / 1665 छपुण् गतौ / 1690 बिलण भेदे / . 1666 क्षपुण् क्षान्तौ / 1691 तलण् प्रतिष्ठायाम् / 1667 पण समुच्छ्राये / 1692 तुलण् उन्माने / 1668 डिपण क्षेपे / 1693 दुलण उत्क्षेपे / 1669 रुपण व्यक्तायां वाचि / / 1694 बुलण निमज्जने / REETEEEEEEET