________________ 296 श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् मार्गणसंस्कारगत्योः / / 1619 शुठण आलस्ये / . 1592 रुजण् हिंसायाम् / | 1620 शुटुण् शोषणे / 1593 नटण् अवस्यन्दने / 1621 गुठुण् वेष्टने / . 1594 तुट 1595 चुट 1622 लडण् उपसेवायाम् / 1596 चुटु 1597 छुटण् छेदने / | 1623 स्फुडुण् परिहासें / 1598 कुट्टण् कुत्सने च / 1624 ओलडुण् उत्क्षेपे / 1599 पुट्ट 1600 चुट्ट . 1625 पीडण् गहने / 1601 षुट्टण् अल्पीभावे / / 1626 तडण् आघाते / 1602 पुट 1603 मुटण | 1627 खड 1628 खडुण भेदे / संचूर्णने / | 1629 कडुण् खण्डने च / . 1604 अट्ट 1605 स्मिटण् / 1630 कुडुण रक्षणे / अनादरे / / 1631 गुडुण वेष्टने च / 1606 लुण्टण स्तेये च / / / 1632 चुडुण् छेदने / 1607 स्लिटण स्नेहने / 1633 मडुण् भूषायाम् / 1608 घट्टण चलने / 1634 भडुण् कल्याणे / 1609 खट्टण संवरणे / 1635 पिडुण संघाते / 1610 षट्ट 1611 स्फिट्टण् 1636 ईडण् स्तुतौ / हिंसायाम् / .. 1637 चडुण् कोपे। 1612 स्फुटण परिहासे / 1638 जुड 1639 चूर्ण 1613 कीटण वर्णने / 1640 वर्णण प्रेरणे / 1614 वटुण विभाजने / 1641 चूण 1642 तूणण 1615 रुटण रोषे / संकोचने / 1616 शठ 1617 श्वठ | 1643 श्रणण् दाने / 1618 श्वठुण संस्कार-गत्योः / / | 1644 पूणण संघाते /