________________ 290 श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् 1326 खिदंत् परिघाते / 1348 उब्जत्. आर्जवे / 1327 पिशत् अवयवे / / 1349 सृजत् विसर्गे / ' // वृत् मुचादिः // 1350 रुजोंत् भङ्गे / 1351 भुजोत् कौटिल्ये / 1328 रिं 1329 पिंत गतौ / | 1352 टुमस्जोंत् शुद्धौ / 1330 धिंत धारणे / / | 1353 जर्ज 1354 झझत् 1331 क्षित् निवास-गत्योः / / परिभाषणे / 1332 षूत् प्रेरणे / . | 1355 उद्झत् उत्सर्गे / 1333 मृत् प्राणत्यागे / 1356 जुडंत् गतौ / 1334 कृत् विक्षेपे / 1357 पृड 1358 मृडत् सुखने / 1335 गृत् निगरणे / 1359 कडत् मदे / 1336 लिखत् अक्षरविन्यासे / . | 1360 पृणत् प्रीणने / 1337 जर्च 1338 झर्चत् / 1361 तुणत् कौटिल्ये / / परिभाषणे / / 1362 मृणत् हिंसायाम् / 1339 त्वचत् संवरणे / 1363 द्रुणत् गति-कौटिल्ययोश्च / 1340 रुचत् स्तुतौ / 1364 पुणत् शुभे / 1341 ओव्रस्चौत् छेदने / | 1365 मुणत् प्रतिज्ञाने / 1342 ऋछत् इन्द्रियप्रलय-मूर्ति 1366 कुणत् शब्दोपकरणयोः / भावयोः / 1367 घुण 1368 घूर्णत् भ्रमणे / 1343 विछत् गतौ / 1369 चूतैत् हिंसा-ग्रन्थयोः / 1344 उछत् विवासे / 1370 णुदत् प्रेरणे / 1345 मिछत् उत्केशे / 1371 षत् अवसादने / 1346 उछुत् उञ्छे / 1372 विधत् विधाने / 1347 प्रछंत् ज्ञीप्सायाम् / / 1373 जुन 1374. शुनत् गतौ /