________________ श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् 21 स लाति / अनग्नसमास इति किम् ? एषकः कृती, सको याति, अनेषो याति, असो वाति // 46 // ___ व्यञ्जनात् पञ्चमाऽन्तस्थायाः सरूपे वा / 1 / 3 / 47 // व्यञ्जनात् परस्य पंचमस्याऽन्तस्थायाश्च सरूपे वर्णे परे ‘लुग वा' स्यात् / क्रुञ्चो ङौ क्रुङौ, क्रुझै / आदित्यो देवताऽस्य-आदित्यः, आदित्य्यः / सरूप इति किम् ? वर्ण्यते // 47 // धुटो धुटि स्वे वा // 1 // 3 // 48 // व्यञ्जनात्परस्य धुटो धुटि स्वे परे ‘लुग् वा' स्यात् / शिण्ढि, शिण्ड्डि / स्व इति किम् ? ता, दर्ता // 48 // __ तृतीयस्तृतीय-चतुर्थे / 1 / 3 / 49 // तृतीये चतुर्थे च परे ‘धुटस्तृतीयः' स्यात् / मज्जति, दोग्धा // 49 // अघोषे प्रथमोऽशिटः // 13 // 50 // अघोषे परे शिवर्जस्य 'धुटः प्रथमः' स्यात् / वाक्पूता / अशिट इति किम् ? पयस्सु // 50 // - विरामे वा // 1 // 3 // 11 // विरामस्थस्याऽशिटो 'धुटः प्रथमो वा' स्यात् / वाक्, वाग् // 51 // न सन्धिः / 13 / 52 // उक्तो वक्ष्यमाणश्च ‘सन्धिर्विरामे न' स्यात् / दधि अत्र, तद् लुनाति // 52 // रः पदान्ते विसर्गस्तयोः // 13 // 53 // पदान्तस्थस्य रस्यं तयोविरामाऽघोषयो विसर्गः' स्यात् / वृक्षः, स्वः, कः कृती / पदान्त इति किम् ? इर्ते // 53 // ख्यागि / 113154 //