________________ श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् 267 54 बुक भाषणे / / 99 शुच शोके / 55 ओख 56 राख 57 लाख | 100 कुच शब्दे तारे / 58 द्राख 59 धाख 101 क्रुश्च गती। शोषणालमर्थयोः / / 102 कुञ्च च कौटिल्याल्पी६० शाख 61 श्लाख व्याप्ती / भावयोः / कक्ख हसने / 103 लुच अपनयने / 63 उख 64 नख 65 णख | 104 अर्च पूजायाम् / वख 67 मख 68 रख 105 अञ्यू गतौ च / 69 लख 70 मखु 71 रखु / 106 वञ्चू 107 चञ्चू __73 रिखु 74 इख 108 तज्बू 109 त्वंञ्बू ___76 ईखु 77 वल्ग 110 मञ्चू 111 मुञ्चू रगु 79 लगु 80 तगु 112 मृज् 113 मृचू 82 श्लगु 83 अगु | 114 म्लुचू 115 ग्लुञ्चू वगु 85 मगु 86 खगु 116 षस्व गती / इगु 88 उगु 89 रिगु 117 ग्रुचू 118 ग्लुचू स्तेये / 90 लिगु गतौ / 119. म्लेछ अव्यक्तायां वाचि / 91 त्वगु कम्पने च / 120 लछ 121 लाछु लक्षणे। 92 युगु 93 जुगु 122 वाछु इच्छायाम् / 94 वुगु वर्जने / 95 गग्घ 123 आछु आयामे / हसने / / 124 हीछ लज्जायाम् / 96 . दघु पालने / 125 हुर्णा कौटिल्ये / 97 . शिघु आघ्राणे / ... / 126 मुळ मोह-समुछाययोः / 98 लघु शोषणे / 127 स्फुर्जा 128 स्मुर्जा (अत्र 'मधु मण्डने' इत्येके पठन्ति) | विस्मृती /