________________ श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् नयेषा, मध्वत्र, वध्वासनम्, पित्रर्थः, क्रादिः, लित्, लाकृतिः // 21 // हस्वोऽपदे वा // 1 // 2 // 22 // इवर्णादीनामस्वे स्वरे परे 'हस्वो वा' स्यात्, न चेत् ती निमित्त-निमित्तिनावेकत्र पदे स्याताम् / नदि एषा, नघेषा / मधु अत्र, मध्वत्र / अपद इति किम् ? नद्यौ, नद्यर्थः // 22 // एदैतोऽयाय / 1 / 2 / 23 // एदैतोः स्वरे परे यथासंख्यम् 'अय्-आय्' इत्येती स्याताम् / नयनम्, वृक्षयेव, नायकः, रायन्द्री // 23 // ओदौतोऽवा // 1 // 2 // 24 // ओदौतोः स्वरे परे यथासंख्यम् 'अव्-आव्' इत्येती स्याताम् / लवनम्, पटवोतुः, लावकः, गावी // 24 // * व्यक्ये 1 // 2 // 25 // ओदीतोः क्यवर्जे यादी प्रत्यये परे यथासंख्यम् 'अव्-आवी' स्याताम् / गव्यति, गव्यते, नाव्यति, नाव्यते, लव्यम्, लाव्यम् / अक्य इति किम् ? उपोयते, औयत // 25 // . ऋतो रस्तद्विते / 1 / 2 / 26 // ऋकारस्य यादौ तद्धिते परे 'रः' स्यात् / पित्र्यम् / तद्धित इति किम् ? कार्यम् // 26 // एदोतः पदान्तेऽस्य लुक् / / 2 / 27 // . एदोद्भ्यां पदान्तस्थाभ्यां परस्याऽकारस्य 'लुक्' स्यात् / तेऽत्र, पटोऽत्र / पदान्त इति किम् ? नयनम् // 27 // गोर्नाम्न्यवोऽक्षे // 1 // 2 // 28 //