________________ 164 श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् // याव याम; ईत ईयाताम् ईरन्, ईथास् ईयाथाम् ईध्वम, ईय ईवहि ईमहि / 3 / 317 // इमानि वचनानि ‘सप्तमी' स्युः // 7 // .. पञ्चमी- तुव् ताम् अन्तु, हि तम् त, आनि आवव् आमवः ताम् आताम् अन्ताम्, स्व आथाम् ध्वम्, __ ऐव् आवहै आमहैन् / 3 / 38 // इमानि वचनानि 'पञ्चमी' स्युः // 8 // , ह्यस्तनी- दिव् ताम् अन, सिव् तम् त, अम्व् व म; त आताम् अन्त, थास् आथाम् ध्वम्, इ वहि महि 3 // 3 // 9 // इमानि वचनानि ‘ह्यस्तनी' स्युः // 9 // एताः शितः / 3 / 3 / 10 // ‘एताश्चतस्रः शितो ज्ञेयाः' / भवति, भवेत्, भवतु, अभवत् // 10 // अद्यतनी- दि ताम् अन, सि तम् त, अम्. व म; त आताम् अन्त, थास्, आथाम् ध्वम्, इ वहि महि // 3 // 3 // 11 // इमानि वचनानि ‘अद्यतनी' स्युः // 11 // परोक्षा- णव् अतुस् उस्, थव् अथुस् अ, णव व म; ए आते इरे, से आथे ध्वे, ए वहे महे / 313 // 12 // इमानि वचनानि 'परोक्षा' स्युः // 12 // आशी:-क्यात् क्यास्ताम् क्यासुस, क्यास् क्यास्तम्