________________ ०७-८०८-रुग' भन्ग मंगुल असुंदर' वेविअ च थरहरिश / 809-81 :-पप्फोडिअ च पक्खोडिअ विस विहडिऽअत्थे / 24 ४११-८१२-परिहत्थो दच्छो कोवणो असहणो ८१३-८१४-पईवो दीवो / इअ एवं ४१५-८१६-रेसणिआ करोडआ चंदिमा जुण्डा // 244 // ८१७-८१८-पाडिक्क पत्ते उबरओ देहलो ८१९-८२०-विही दिव्य' / तंतू गुणों ४२१-८२२-दुगंछा गरिहा खलिों पडिप्फलअ / / 245 / / ८२३-८२४-आसारो रययुट्ठी पम्हलय रोमम ५२५-८२६-जओ वेओ / कोस किणों ८२७-८२८-हलहलओ तरी विअट्ट विसंबइअ // 246 // 807 असुंदर. 808 थरहयु 809 प्रस्फोटित. 810 विघटित. 811 दक्ष. 812 कोपन. 813 दीप. 814 ए प्रमाणे 815 करोटिका' ए नामर्नु कासार्नु पात्र. 816 ज्योत्स्ना. 817 प्रत्येक. 818 उंबरो. 819 देव. 820 तांतणो 821 निंदा. 822 स्खलित. 823 धूळनी वृष्टि. 824 पांपणवाळु. 825 वेग. 826 शाथो ? 827 त्वरा. 828 विसंवादवाळु [27]