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________________ वसर ८२९-८३०-संबाह संकिण्ण' वलग आरुढे / ४३१०८३२-अहअ अरित्त / आहूओ वाहित्तो ८३३-८६४-विअत्थण निअगुणसलाहा जाण सवाय डोंचे र ८३५-८३६-सोंडं मञ्जव अयंडे अणवसर ८३७-८३८-सरडं च कंकलास / छण मह ८३९-८४०-लोद्धय वाह // 248 // लख विजाय ८४१-८४२-इंगिअं आयारो अह इमो ८४३-८४४-इमा अओ / थाहो थयो / / ८४५-८४६-तोणो तोणीरों / कुंदुओ गुलिओ // 249 // ८४७-८४८-कंठो गलआ अवडू किआडिआ ८४९-८५०-झंपणीउ पम्हाई / गुप्फा खुलहा ८५१-८५२-जंधा टंका गडा कबोला य / / 250 // ८५३-८५४-रसणा जोहा सर्वणा काना 829 संकीर्ण. 830 आरूढ. 831 अधिक. 832 वोलावेल 833 स्वप्रसा. 834 डोंब. 835 दारुडिओ. 836 अनवसर 837 काचोंडा. 838 उत्सव. 839 शिकारी. 840. विजात. 841 इंगित. 842 आ. 843 आ (स्त्री) 844 ऊडाइ-तळ. 845 माथु. 846 दडों. 847 गळु. 848 हडिओ 849 पापण. 850 घुटी. 851 जांध. 852 गाल. 853 जीभ. 854 कान 21. 2 [38]
SR No.004490
Book TitlePrakrit Vyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSanyamsagar
PublisherSanyamsagar
Publication Year1986
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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