________________ १३९-निर्दुइअ खिरिअ छिप्पिों च नीसंदिअं च पञ्झरि। १४०-वेअडिअ- पञ्झ खचि बिच्छुरिअय जडिअं // 8 // १४१-चोलीण वुक्क त अइच्छिा बोलिअ अइकन / १४२-पडिहत्थ रहमाय अहिरेमइअं च अप्फुग / / 81 // १४३-हक्खुत्त उच्छूढ उक्वित्त उप्पाड आई उद्वरिअ / १४४-कोवासिभ विश्रामग्र विणिई उम्मिल्लं उप्फुल्ल // 82 / / १४५-वजरेअ-पिद्ध-पूइअ-उटफालिअ-पिमुणिआई साहिअयं १४६-पञ्चायं वसुआय मुसिभ वायं मिलाण ऽत्थे // 83 // १४७-बिच्छूट उले छत्त पोलिअ पिल्लिअ गलन्थिअयं / १४८-पेढाल-निक ल व लाइ परिमंडल-ऽत्थम्मि / / 8 / / १४९-टिविडिकि अ-चिचिल्लिअ-चिंचइअ-पसाहिआइ मंडिअयं / १५०-आलुखिों आलिद्ध छिक्क छित्त परामुसि // 85 / / १५५१-सामग्गिों अवयोसिअ आलिंगिअयं उऊढ ओसत्त / १५२-अग्धइ छजइ रेहइ विरायए सोहए सहई // 86 // १५३-सइ अविरयं अवरामं अणुवल मंतयं मया निच्च / १५४-छायं छरअ लयणं तणु तलिण किस खाम // 8 // 119 झरेलु. 140 जडेलु. 141 गएल. उल्लंघेल. 142 पूर्ण 143 उत्क्षप्त. 14:' विकसत. 145 चाडी करवी. 146 म्लान. 147 वि.सप्त. 148 वर्तुल. 149 शोभित. 150 आश्लिष्ट. 151 आलिंगित. 152 शोभे छे. 153 नित्य. 154 कृश.. [1]