________________ 5 १२५-निद्वंधसा निसंसा निच्चा निक्विा अकरुणा य / १२६-रुंदा पीणा थूला य मसला पीवरा थारा // 73 // . . १२७-सारसो समो सरिच्छा संकासो सच्छहो समर्माणो य / 128 काढणा य ककसा निहुँरा खरा खप्पुरा फरुसा // 7 // १२९-उत्ताणा उत्तणुआ थिन्ना थड्डा य गांठवआ दरिआ / 130 - लाला लालस लोलुअ-उल्हड लपडा लुद्धा // 5 // 531- सन्नं सिन्नं सुठिउच्चायं नीसह किलंत च / १३२-आइग्ग उठिबग्ग उच्चय युन्नं उत्तत्थ // 6 // 133 घडविणम्मिअ विहिअ आहिअ विरइअ कर्य जणि। १३४-यस्थ कबलि असिअ विलुपिअ', बफि खइअ॥७७॥ 1 ३५-मच्चविअ-दिट्ट-पुलइअ-निच्छिाई निहालिअ ऽस्थम्मि / 136 पव्वालिअ आउंबालअ च सलिलुच्छयं जाण // 7 // १३७-रामांचअ आरेइअ ऊसलिम पुलइअ च कंटइअ / १३८-पामुक्कं विच्छड्डिअ अवहत्थिों उझिं चत्तं // 79 // 125 क्रूर. 126 स्थूल. 127 समान. 128 निष्ठुर. 129 गर्वित. 130 लंपट. 131 थाकेलु . 132. उद्विग्न. 133 करेलु. 134 खाधेलु. 135 जोएलु. 136 डुवाडेलु अथवा पाणी वगेरे प्रवाही पदार्थ व्याप्त, 137 रोमांचवाळु. 138 छोडी दीधेल. [10]