________________ . 5 सजल // १५५-ललिअ वग्गु मंजु मंजुलय पेसल कल महुरं / १५५६-कोमलय सुहफंस सोमाल' पेलच मउय // 48 // 157 -वियर्ड विउल पिहुल विस्थिन्न विस्थन्न' उस विसाल / 158 खररिअ उसेच वलय पहुँहि जाण कलुजल // 89 // १५९-गाढ बाढ बालेय धणयं देढ अइमरण अञ्चत्य / 160 -सइईसणं सईमुहं चिता देगुम्नि सइर्लभं // 50 // : १६१-अभास अभण्णं आसनं सविह अति निअंड। १६२-क लेअ विइअ विष्णायं अहिंगयं बुझिा मुणों // 51 // १६३-सामलं असिअ सामं कालं क मगं रिअअरं कण्ह / 164 सेअं सिंअं वलक्ख अबदाय बंडु धवलं च // 12 // 165 -कविर कविस पिगं पिसँगय पिंगयं कारं च / १६६-अरुणं सोपं रत्तं पाडलं आय चे नवे // 13 // २६७-फसले सबलं सारं किमोर चित्तलं च बोगिल्छ / इत्तो नामग्गामं गाहाचलणेसु चितेमि / / 94 // १६८-१६९-अमरावई सुरपुते / निविद्वय तह सुरालओ नाओ। १७०-१७१-अलया कुबेरनयरी / तित्थाहिवई जिणो अरहा / / 95 // 155 मधुर. 156 कोमळ. 157 पहाळु. 158 डोळु पाणी. 159 गाढ 160 विचारपूर्वक जोएल. 161 नजीक. 162 विदित. 163 श्याम. 164 श्वेत. 165 मांजरु. 166 लाल. 167 काबर चित्रु. 168 अमरावती. 169 स्वर्ग 170 अलका 171 जिन. [12] 3