________________ सिद्धसहस्रनामकोशः 181 अनिघण्टु५७.१ रनध्यायो“संहितोऽवैद्यको"ऽव्यथः / अग्रामोऽमूर्च्छनो" वाद्यो" नेपथ्योऽनिङ्गितो"लयः // 6 // पश्यत्यात्माऽघनो ऽभाषो ह्यवैखरि"रमध्यमः / अश्वेतो"पाटलोऽश्यामोऽनीलो" बभ्रु"रपीतिमा" / / 7 / / अतिक्तोऽमधुरो नम्लोऽकषायोऽलवणो कटुः / असौगन्ध्योऽपदौर्गन्ध्योऽनुष्णोऽशीतोऽखरो ऽमृदुः० . // 8 // अस्निग्धो" गौरवोऽलूक्षो" संस्थानो"लघु"रस्मयः / " अवेदो वेदसङ्गीतः श्रीयुक्तः श्रीपतिः०० श्रिये // 6 // / / इति महोपाध्याय-श्रीयशोविजयगणि-समुच्चिते राजनगरवास्तव्यसङ घमुख्य-साह पनजी'सुश्रूषिते श्रीसिद्धनामकोशे नवम शतकप्रकाशः // 6 // प्रय दशमशतकप्रकाशः आदिदेवो' युगादीशो'. युगेशो' 'युगपो' युगः / उपज्ञा समयोपज्ञ मप्रत्यूहो महाबलः' // 1 // शिवताति"महाशान्ति"निर्वृतः संवृतोऽवृतः" / अरहा५ अरुहोऽरोह" आद्यध्येयः८ पदोत्तरः // 2 // 1. रनध्येयो 58 जं० / / 2. 'य: 66 / अना 67 ऽस्त्र्य९८ ऽनपुषा संज्ञः 66 श्रिये सिद्धान्त देवता 100 // 6 / / य०॥ 3. // श्रीसिद्धनाम जं० / / 4. 'शतप्र य० //