________________ . 180 सिद्धसहस्रनामकोशः अध्यात्मपीठो-१ऽध्यात्मेलो"ऽध्यात्मेतोऽध्यात्मसन्ततः / २प्राध्यात्मोऽध्यात्मसन्तानोऽध्यात्माख्योऽध्यात्मविन् 00 ॥इति महोपाध्याय-श्रीयशोविजयामामुद // 13 // राजनगरवास्तव्यसङ्घमुख्य-साह पनजी'सुश्रूषिते श्रीसिद्धनामकोशे अष्टमशत [क] प्रकाशः // 8 // प्रथ नवमशतकप्रकाशः अभो'ऽनदो'ऽरवो'ऽनादो स्वरो'ऽस्वानोऽस्वनो ऽध्वनिः / अवृद्धि रगुणो" बिन्दु"रविसर्गोऽलुग"क्रमः" / / 1 / / अहसो'मातृको प्रत्याहारो'घोषोऽनुपाहितः / अनामा प्रातिपदिको* ऽसमासो ऽविग्रहो" ऽग्रहः / / 2 / / अनाख्यातो"ऽकृदन्त श्चातद्धितो" नणु (? नाप्यु)णादिकः / "अयोगो" रूढि" रस्तोभो" ऽच्छन्दाश्चाप्यनलङ्कृतिः // 3 // अपातो" लम्बनोऽक्रान्तिरराशि"रनहर्गणः। अनतोऽनुन्नतोऽलग्नो" ऽनुच्चो नीचो" ऽदिगन्तरः // 4 // अनर्को "ऽनाटकोऽनाट्यो ऽविभवोऽतनुभावकः / स्थायी रसोऽश्लथोऽनाथो काव्योऽगीति५५ रपिङ्गलः५६ / / 5 / / 1. 'ध्यात्मेजो 64 ध्यात्मेजो (?डयो) 2. प्राध्याप्यो 67 य० / / 3. °न्मुदे // 13 // श्री सिद्धकोशोऽष्टमं जं० // 4. अयोजो 26 ऽभूमि 30 रस्ताभो 31 जं० // 5. "कायो य० //