________________ 170 सिद्धसहस्रनामकोशः जगत्पति जगन्मान्यो जगच्छास्ता" जगन्मुखम् / जगच्चक्षुर्जगन्मित्र जगद्दीपोर 'जगत्सुहृत् // 3 // जगत्पूज्यो५ जगद्धये यो५ ५जगद्विज्जगदर्यमा / जगन्माता जगद्माता जगद्भानु जगन्मणिः // 4 // 'जगद?" जगच्चिन्त्यो जगत्काम्यो जगत्प्रियः / जगद्धेतु"जगत्केतु जगत्सीमा", जगन्निधिः / / 5 / / जगद्वैद्यो" जगज्ज्योति जगत्पोषी* जगद्वषः" / जगत्पूषा" "जगदुर्यो जगद्वीज जगत्तरुः // 6 // जगत्सारो जगन्मूलं५० ८सिद्धार्थ:५९ सिद्धशासन:५२ / सिद्धस्थान:५२ सुसिद्धान्तः सिद्धगी:५५ सिद्धधी: सुधीः / / 7 / / भवाब्ध्यगस्तिर्भवहृद्५९ भवच्छि"दपुनर्भवः / कालातीतो भवातीतो भयातीतः कलातिगः // 8 // गुणातीतो६ रजोऽतीतः६७ कल्यातीतः८ कुलातिगः / वर्णातीतः पदातीतो मार्गातीतोऽक्षरातिगः // 9 // वाक्यातीतः स्मयातीतो" वाचोऽतीतो नयातिगः / वृत्त्यतीतः स्पृहातीतो" न्यासातीतो जनातिगः // 10 // 4. जगद्गुरुः य। . 5. जगद्वि जगद जं०। 6. दो य० / 7. जगदुर्यो जं०। 8. सिद्धार्तः य /