________________ १०-'महाकल्प का प्रायश्चित विधान प्रश्न-महाकल्प सूत्र में श्री गौतम स्वामी के पूछ पर प्रभु ने फरमाया कि--साधु और श्रावक सदैव जिन मंदिर में जावे, यदि नहीं जावे तोछट्टा या बारहवां प्रायश्चि प्राता है, यह मूल पाठ की बात आप क्यों नहीं मानते ? उत्तर-यह कथन भी असत्य प्रतीत होता है, क्योंकि जिसकी विधि ही नहीं, उस कार्य के नहीं करने परप्रायश्चि किस प्रकार श्रा सकता है ? यहां तो कमाल की सफाई के गई है। अब इस कथन को भी कसौटी पर चढ़ाकर सत्यता परीक्षा की जाती है। इन्हीं मूर्ति-पूजकों के महानिशीथ में मूर्ति पूजा से बारहवं स्वर्ग की प्राप्ति रूप फल विधान और महाकल्प में नहीं पूजने (दर्शन नहीं करने ) पर प्रायश्चित विधान किया गया है, इन दोनों बातों को इसी महानिशीथ की कसौटी पर कसकर चढ़ाई हुई कलई खोली जाती है, देखिये