________________ ( 243) नामवाले, अनेक विचित्रस्तोत्रों का संग्रह किया है। -संस्कृतज्ञमक्त लोगों के लिये बहुत अच्छी वस्तु है। यह दुसरी आवृत्ति है / पृष्ठ 136, मूल्य 0-12-0 प्राकृत। 36 प्राकृतमार्गोपदेशिका-प्राकृत भाषा का अभ्यास करने वालों के लिये पाठमाला की पद्धति से श्रीहेमचन्द्राचार्य के प्राकृतव्याकरण के नियमानुकूल यह पुस्तक खास तैयार की गई है / इसके अन्दर सभी प्रकृत के नियम गुजराती में समझाये गये हैं, इसके पढने से प्राकृत साहित्य में प्रवेश हो सकता है / इसके पीछे गुजराती अर्थ सहित छोटासा प्राकृत कोष भी दिया गया है। पृष्ट 185, मूल्य 1-4-0 37 विवेकमअरीसटीक (भाग १)-प्राकृत भाषा का यह ग्रन्थ कविसमा,गार श्रावक आसड कवि का बनाया हुआ है / इसके ऊपर वसन्तविलास ग्रन्थकार श्री बालचन्द्रसूरिजीने संस्कृत व्याख्या लिखी है / इसमें टीकाकारने अनेक धार्मिक दृष्टान्त देकर मूलकर्ता के आशय का अच्छीतरह स्पष्टीकरण किया गया है / न्या०तीर्य पं. हरगोविंददास की प्रस्तावना भी इसमें , पढने योग्य है। मूल्य रु० 2-0-0