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________________ ( 237 ) 16 श्रीपार्श्वनाथचरित्र (श्लोकबद्ध)-इस ग्रन्थ के निर्माता श्रीभावदेवमूरि हैं, इसमें श्रीपार्श्वनाथजी का चरित्र वि'स्तार से दिया है। अनुष्टुप् छन्दः में श्लोक होने से साधारणों के लिये यह उपयुक्त प्रतीत होता है इसमें करीन 1500 श्लोक हैं। कागज़ और छपाई सुन्दर पृष्ठ 478 सजिल्द पुस्तकाकार और पत्राकार प्रत्येक का मूल्य रु 3-0-0 . 17 श्रीमल्लिनाथ चरित्र (श्लोकबद्ध- श्रीविनयचन्द्रसूरि कृत यह भी अनुष्टुप् छन्दः में है छपाई और कागज़ मनोहर है पृष्ठ 335 पुस्तकाकार और पत्राकार, प्रत्येक का मूल्य रु. 3-0-0 . 18 शीलदूत-महाकवि कालिदास के मेघदूत काव्य के प्रत्येक श्लोक के अन्तिम चरण लेकर इसमें श्रीचारित्रमुन्दर गणिने पादपूर्ति की है, यानी तीन पाद अपने और " स्निग्धच्छायातरुषु वसतिः" प्रभृति एक पाद मेघदूत के श्लोकों का लेकर उसका अर्थ इस काव्य के नायक श्रीस्थूलभद्रनी में घटाया है। सारा काव्य बहुत रसपूर्ण है। इस खण्ड काव्य को कौन न खरीदेगा ? मूल्य मात्र रु. 0-4-. . 19 जगद्गुरुकाव्य-सम्राट अकबर को प्रतिबोध करनेवाले जगद्गुरु श्रीहीरविजयसूरि के जीवन के विषय का यह प्रन्थ
SR No.004480
Book TitleSiddhantratnikakhyam Vyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay, Vidyavijay
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1929
Total Pages278
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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