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________________ व्याकरण के मूलसूत्र इसमें अलग छपवाएँ हैं। हैमव्याकरणपाठी विद्यार्थिओं को मूलसूत्र की आवृत्ति करने के लिये तो यह नितान्त उपयुक्त है / अन्य वैयाकरणों को श्रीहेमाचार्य की विशिष्ट विशारदता जानने के लिये काम की चीज है. मूल्य 0-6-0. . 11 स्यादिशब्दसमुच्चय ( सटीक )-बालभारतादि ग्रन्थों के निर्माता महाकवि श्रीअमरचंद्रसूरि का, स्यादिनामों के विषय का यह बहुत ही बढिया ग्रन्थ है। पं० लालचन्द्र भगवानदासने इसको एडिट किया है / मूल्य रु 0-12-0 12 श्रीसिद्धहेमसूत्रपाठ की अकाराद्यनुक्रमणिका-प्रसिद्ध .. वैयाकरण श्रीहेमचन्द्राचार्य के व्याकरण के अकारादिक्रम . से इसमें सूत्र हैं। 0-4-0 13 धर्मदीपिका-आचार्य श्रीहेमचन्द्रमूरिजी के सिद्धहेम सूत्रोंके उपर न्यायविशारद न्यायतीर्थ उ० श्रीमंगल विजय जी महाराजकृत यह सुगम वृत्ति है, परंतु इसमें यह विशेषता है कि अष्टाध्यायी क्रमसे सूत्र नहीं रख कर सिद्धान्त कौमुदी की पद्धति का यह व्याकरण है। सूत्रानुक्रमणिका, धातुपाठ, संग्रहश्लोक और परिभाषा प्रकरणादि से अलंकृत यह ग्रन्थ वैयाकरणों को उपयुक्त है। 500 से अधिक पृष्ठ के इस ग्रन्थ का मूल्य 2-0-0
SR No.004480
Book TitleSiddhantratnikakhyam Vyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay, Vidyavijay
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1929
Total Pages278
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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