________________ प्राकृतशब्दरूपावलिः ॥अथ चामुण्डाशब्दः // एकवचनम् . बहुवचनम् प्रथमा चाउँण्डा (चाउँण्डाउ चाउँण्डाओ चाउँण्डा इत्यादि / यमुना-चामुण्डा-कामुकातिमुक्तके मोऽनुनासिकश्च // 8 / 1 / 178 // इत्यनेन मस्य लुग् भवति लुकिच सति मस्य स्थाने अनुनासिकः / / : ॥अथ क्षुधशब्दः॥ ___ एकवचनम् बहुवचनम् प्रथमा . छुहा . . छुहाओ छुहाउ छुहा इत्यादि // क्षुधो हा / / 8 / 1 / 17 // इत्यनेन क्षुधशब्दस्यान्त्यव्यञ्जनस्य हादेशो भवति / .. ॥अथाप्सस्स्शब्दः // एकवचनम् बहुवचनम् प्रथमा अच्छरसा अच्छा अच्छरसाउ अच्छरसाओ अच्छरसा अच्छराउ | अच्छराओ अच्छरा इत्यादि / आयुरप्सरसोर्वा // 8 // 1 // 20 // इत्यनेनान्त्यव्यञ्जनस्य सो वा भवति // हुस्वात् थ्य-श्व-त्स-प्सा-मनिश्चले // 8 / 2 / 21 // इत्यनेन छः / ॥अथ क्षुधाशब्दः॥ एकवचनम् बहुवचनम् प्रथमा छुहा छुहाउ छुहाओ छुहा इत्यादि / / षट्-शमी-शाव-सुधा-सप्तपर्णेष्वादेश्छः // 8 / 1 / 265 // इत्यनेन छः।