________________ तम्हा विहिसद्दहणं सया कुणंतो करेसु करणिज्ज / अमुणियपरमत्थाणं वयणेसुं जीव ! मा सज्ज .. // 64 // अमलिछेयगंथा केइ निसेहन्ति सिद्धबलिकरणं / ... तं पि न जुत्तं जम्हा भणियं कप्पाइचुन्नीसु // 65 // पुव्वुप्पन्नाउ नवा न हुंति अन्नाउ छम्मासं। .. ... तं सित्थं जस्स सिहे दिज्जइ पसंमंति तस्स वाहीओ . // 66 // उस्सग्गविहंडियसुद्धबोहपसरा भणंति एवन्ने / पासत्थाइसमीवे सुत्ताईयं न घेत्तव्वं , // 67 // तमवि न छेयगंथाणुसारिवयणं जओ जइं दिस्स / भणियं निसीहगंथे उस्सग्गववायजलहिम्मि // 68 // संविग्गमसंविग्गे पच्छाकडसिद्धपुत्तसारूवी / पडिक्कंते अब्भुट्ठिए असई अन्नत्थ तत्थेव // 69 // ता सिद्धिनयरसम्मग्गपयडणे नाणमणिपईवम्मि। कुणसु पयत्तं रे जीव ! मच्छरं चइय सव्वत्थ // 70 // अइगरुयमच्छरेणं निववसओ करिय केई चेइहरं / विहिचेइयं ति पभणंति माणिओ अविहिकरणे वि / // 71 // धम्मुज्जयाण नो देइ तं पि मणयं पि माणसुल्लासं / ' रागद्दोसविहाडणपडुओ जम्हा विही भणिओ . // 72 // जत्थ पुण रायरोसाण पगरिसो तत्थ धम्मधणनासो। 'विहि विहि' पभणंताण वि जं सुत्ते भणियमेवं ति // 73 // जं अज्जियं समीपल्लएहिं तवनियमबंभगुत्तीहि / मा हु तयं कलहंता उल्लिंचह सागपत्तेहिं // 74 // तवसुत्तविणयपूया न संकिलिट्ठस्स हुंति ताणाय / खवगागमविणयरओ कुंतलदेवी उदाहरणं .. // 5 // 246