________________ तट्ठाणाउ जहण्णं जुत्ताणंतंति जाव विण्णेयं / . मज्झिमजुत्ताणंतं णंतरठाणेसु सव्वेसुं // 191 // तो तमणंताणंतं जहण्णयं तिण्णि वार वग्गाहि / संवग्गियं च काउं तहवुक्कोसं न पावेइ // 192 // ताहे छप्पक्खेवा अणंतया सिद्धमाइया खिविउं। .. काऊण तिण्णि वारा वग्गियसंवग्गियं च तहा // 193 // सिद्धा 1 निगोयजीवा 2 वणस्सई 3 काल 4 पोग्गला 5 चेव / सव्वमलोयागासं 6 छप्पेएऽणंतपक्खेवा' // 194 // तह वि अणंताणंतं उक्कोसं जा न पावए कह वि। . . ताहे केवलनाणं पखिप्पइ दंसणं चेव // 195 // तह वि अणंताणंतं उक्कोसं नेव होइ कइया वि / एवं च ठिए जत्थ उ सिद्धते भन्नए बहुहा // 196 // उक्कोसमणंताणंतयंति तत्थाजहन्नगुक्कोसं / घेत्तव्यमणंताणंतयंति इइ आहु समयन्नू .. // 197 // एवं अणंतयं पुण पुग्गलपरियट्टएसु संभवइ / तं जाणणत्थमहुणा पुराणगाहा उ भन्नंति // 198 // ओरालविउव्वियतेयकम्मभासाणुपाणमणगेहिं / फासे वि सव्वपोग्गल मुक्का अह बायरपरट्टो // 199 // दव्वे सुहुमपट्टो जाहे एगेण अह सरीरेण / लोगम्मि सव्वपोग्गल परिणामेऊण ते मुक्का // 200 // लोगागासपएसा जया मरतेण एगजीवेणं / पुट्ठा कमुक्कमेणं खेत्तपट्टो भवे थूलो // 201 // जीवो जया य एगे खेत्तपएसम्मि अहिगए मरइ / पुणरवि तस्साणंतरबीयपएसम्मि जइ मरइ // 202 // 240