________________ पल्ले एक्कावि सलाइय त्ति तत्तो उ पडिसलागो वि। उक्खिप्प पुणरवि दीवउदहिखेवेण निट्ठविओ // 167 // जइया होइ तया किल पल्लम्मि महासलागनामम्मि / पक्खिप्पइ एगसलाइय त्ति तत्तो सलागक्खो // 168 // उक्खिप्पइ तम्मि य निट्ठियम्मि तत्तो. उ पडिसलायम्मि / पक्खिप्पइ एगसलाइय त्ति तत्तोऽणवट्ठियओ // 169 // उक्खिप्पइ तम्मि निट्ठियम्मि बीए सलायपल्लम्मि। खिप्पइ सलाइया तो एएण कमेण पढमेण // 170 // भरियइ पल्लो बीओ तेण वि तइओ उ तेण वि चउत्थो / भरणुद्धरणविकिरणं ता कज्जं जाव चउ पुन्ना // 171 // पढमतिपल्लुद्धरिया दीवुदही पल्लचउसरिसवा य / रूवूण एस रासी सव्वोउक्कोससंखेज्जं अणवट्ठिआइया ते पल्ला संपुन्नया य चत्तारि / रूवजुया य जहन्नं परित्तमसंखं तयं होइ .. // 173 // जं तं परित्तमसंखं जहन्नयं विवरिऊण पत्तेयं / / एक्कक्कोच्चिय रासी तावइओ चेव कायव्वो // 174 // वग्गियसंवग्गियए परित्तमसंखं परं अइक्कमियं / / जुत्तासंखम्मि जहन्नगम्मि गंतूण तं पडियं // 175 // तत्तो रूवऽवहारे परित्तमसंखयं हवइ परमं / तट्ठाणाओ पच्छामुहाणि सव्वाणि ठाणाणि // 176 // मज्झिमपरित्तअस्संखयाणि भन्नति जा असंखेज्ज / परित्तजहन्नं तं पुण पवन्नियं पुव्वगाहाए // 177 // जेत्तं जहन्नजुत्तं आवलियाए य एत्तिया समया। . सइ वग्गियम्मि संते जुत्तासंखं अइक्कमियं // 178 // 240