________________ // 22 // // 23 // // 24 // // 25 // लोटा // 26 // // 27 // संघायारभिहाए वित्तीए इरिअपुव्व सामइअं / भणि पुक्खलिसावयसंबंधे तं पि बोद्धव्वं . एतेणं बहुठाणुल्लावतरुम्मूलिओ स मूलाओ / . सव्वत्थ वि परमत्थावस्सयचुण्णि त्ति इगठाणं तह आयरिअपरंपरसमागयं इरिअपुव्व सामइअं / अण्णे दूरि दिअंबरु चउदसिपक्खीव सक्खी वि पच्छा इरिआविसए तुच्छा सच्छंदचारिणो केई / दीसंति सिढिलमूला नइकूलनिवासिणु व्व दुमा जिणवयणं पि परंपरसमागयं सव्वसम्मयं होइ / मूढा तमेव मोत्तुं तदिक्कदेसं पलोअंति ते अहिरुहित्तु साहं छिंदंता छिनसन्निसन्नाणा / सरणं कुणंति साहापत्तं पुण्णेण परिचत्ता' जे छड्डित्तु परंपरमच्छिन्नं सुत्ततंतुकयसरणा / विणु वत्थं कडिदोरालंकिअदेहा विरायंति . चित्तं सयं असीसा सीसे काऊण हुंति गुरुगुरुणो। तित्थं ठाविता वि अ तित्थयरत्तं न पार्विति जं सुंदरबुद्धीए नवीणकरणं निअयकिरिआसु / तं चेव तस्स तित्था बाहिरभावं पभासेइ जइ अण्णं अच्छिनं तित्थं हुज्जऽन्नहा तु तं चेव / तित्थं अहवा तित्थुच्छेओ णेओ अ निउणेहिं एआहिं जुत्तीहिं बोदिज्जंता वि जे न बुझंति / ते खलु चिक्कणकम्मा लहुकम्मा सेसया णेआ जं किरिआण विहाणं परंपरासंगयं समग्गं पि। तं सुत्ते पासंता पुष्फे रुक्खं व मुक्खयरा // 28 // // 29 // // 30 // // 31 // // 32 // // 33 // 332