________________ एवं कत्थ वि हीणं कत्थ वि अहियं मयाणुराएणं / सोऽभिनिवेसा ठावइ भेयं च दिगबरेहितो . // 17 // सिरिविक्कमनरनाहा गएहि सोलस सएहिं वासेहिं / असिउत्तरेहिं जायं बाणारसियस्स मयमेयं // 18 // अह तम्मि हु कालगए कुंयरपालेण तम्मयं धरियं / जाओ तो बहुमण्णो गुरु ब्व तेसि स सव्वेसि // 19 // जिणपडिमाणं भूसणमल्लारुहणाइ अंगपरियरणं / बाणारसिओ वारइ दिगम्बरस्सागमाणाए // 20 // महिलाण मुत्तिगमणं कवलाहारो यं केवलधरस्स / गिहिअन्नलिंगिणो वि हु सिद्धी णत्थि त्ति सद्दहइ // 21 // आयारंगप्पमुहं सुयणाणं किमवि नो पमाणेइ / सेयंबराण सासणसद्धाइ तयंतरं बहुलं // 22 // अह गीयत्थजणेहिं आगमजुत्तीहिं बोहिओ अहियं / तह वि तहेव. य रुच्चइ बाणारसिओ (ए) मए तिसिओ।। 23 // पाएण कालदोसा भवन्ति दाणा परम्मुहा मणुआ / देवगुरूणमभत्ता पमादिणो तेसिमित्थ रुई . // 24 // इय जाणिऊण सुअणा ! वाणारसीयस्स मयवियप्पमिणं / जिणवरआणारसिआ हवंतु सुहसिद्धिसंवसिआ . // 25 // 302