________________ बीयपएणं तिण्हुवरि तिहिं उ वत्थेहिं पाउअंगी उ। सामाइयवयं पालइ तिपयं परिहरइ पडिकमणे / // 48 // जइ कंचुगाइ रहिया गिण्हइ सामाइयं च सुमरिज्जा / तो पच्छा अंगटुं करेइ गरहेइ पुव्वकयं // 49 // एलामुत्थाइगयं भिन्न भिन्नं जलं भवे दव्वं / वण्णरसभेयओ जं दव्वविभेओ वि समयमओ // 50 // जइ पोसहसालाए सड्ढासड्डी वि पोसहम्मि ठिया / एगत्थ खिवन्ति भवे तमेग दव्वं न संदेहो // 51 // जेण दिसापरिमाणं कोसचउक्कं दुगं च कयमित्थ / कोसद्धं पि न गच्छइ तह वि हु बन्धोत्थ विरईओ // 52 // जइ गालियं च दहियं तहा वि विगई जलं न जं पडइ / पडिए वि जले तं निव्वियम्मि विहिए न कप्पइ य . // 53 // जइ मंडियाइ जोगो पायकओ को वि होइ गुडचुण्णो / उव्वरइ सो वि नियमा गुडविगई होइ अणुवहता // 54 // 'सव्वाइं पुप्फलाई नाणाविहजाइरसविभिन्नाई / पुप्फलमेगं दव्वं उवभोगवयम्मि विनेयं' // 55 // "एवं जलकणघयतिल्ललोण विभिन्नाइं विविहजाइगयं / एगं दव्वं परिगहपमाणवयगहियगणणाए" // 56 // गब्भरूपप्पमुहाणं वयणं चुम्बइ कओपवासाई। . तस्स उ पच्चक्खाणे भंगो संभवइ जुत्तीए . // 57 // दहितरमज्झक्खित्तो गोहुमचुण्णो य पक्कविगई उ / सिद्धो लग्गइ नियमा तह वीसंदणमओ विगई // 58 // विज्जुयपईवेणं फुसिओ तं फुसणयं तओ हुज्जा / भिन्न भिन्नं नारीमंजारीणं च संघट्टणं // 59 // 201