________________ तं च कहतं अन्नो, जइ पुच्छइ को वि अवरमवि किंचि / जइ मुणइ तं पि सो कहइ, तस्स अह नो भणिज्जे मं // 36 // एयं खलु गीयत्थे, गुरुणो पुच्छिय तओ कहिस्सामि / इय जुत्तीए सड्ढो भवभीरू कहइ सड्ढाणं // 37 // उद्दिट्ठट्ठम्मि चउद्दसि पंचदसमी उ पोसहदिणं ति / एयासु पोसहवयं संपुन्नं कुणइ जं सड्ढो . : // 38 // जइ कह वि अट्ठमी चउद्दसी य तत्थ वि य होइ वयजोगो / वयसद्देणं भण्णइ नियमो कल्लाणमाइओ // 39 // तस्संजोगा जो को वि गुरुतरो निम्वियाइओ नियमा / सो कायव्वो जं निव्वियंति एकासणा गरुयं // 40 // पडिकमणं च कुणन्तो विज्जुपईवाइएहिं जइ कह वि / वारा दो चउ. फुसिओ तो बहु फुसिओ त्ति आलोए / // 41 // जइ को वि होइ दक्खो ता जावइयाणि हुंति फुसणाणि / तावइयाणि गणिज्जा अतिमुद्धो जो बहुं भणइ // 42 // पइदिवसं सज्झाए अभिग्गहो जस्स सयंसहस्साई / सो कम्मक्खयहेऊ अहिगो आलोयणाए भवे // 43 // एगासणाइ पञ्चसु तिहीसु जस्सत्थि सो तवं गरुयं / कुणइ इह निव्वियाई पविसइ आलोयणाइतवे // 44 // जइ तं तिहिभणियतवं अन्नत्थदिणे करिज्ज विहिसज्जो / अह ण कुणइ जो सो गुरुतवो वि जं तिहि तपे पडइ // 45 // उस्सग्गनयेणं सावगस्स परिहाण साडगादवरं / . कप्पइ पाउरणाइं न सेसमववायओ तिण्णि // 46 // एवं कयसामाइया वि साविगा पढमनयमएणेह / कडिसाडग कंचुयमुत्तरिज्ज-वत्थाणि धारेइ // 47 // 200