________________ जुज्जइ संबंधवसा संबंधिविसेसणं न पुण एअं। नयणाइविसेसगओ रूवाइविसेसपरिणामो . // 118 // भन्नइ विसमपरिणयं कह एअं होहिइत्ति उवणीअं / तं होइ परनिमित्तं न वत्ति एत्थत्थि एगंतो // 119 // दव्वस्स ठिई जम्म विगमा य गुणलाक्खणं तु वत्तव्वं / एअं सइ केवलिणो जुज्जइ तं नो उ दविअस्स // 120 // दव्वत्थंतरभूआ मुत्ता ऽमुत्ता व ते गुणा होज्जा। जइ मुत्ता परमाणू नत्थि अमुत्तेसु अग्गहणं // 121 // सीसमईवित्थारणमित्तत्थोयं कओ समुल्लावो / इहरा कहामुहं चेव नत्थि एवं ससमयम्मि // 122 // न वि अत्थि अन्नवाओ न वि तव्वाओ जिणोवएसम्मि / तं चेव य मन्नंता अवमण्णंता न याणंति // 123 // भयणा वि हु भइअव्वा जह भयणा भयइ सव्वदव्वाइं / एवं भयणानिअमो अ होइ समयाविरोहेणं // 124 // निअमेण सद्दहंतो छक्काए भावओ न सद्दहइ / हंदी अपज्जवेसु वि सद्दहणा होइ अविभत्ता // 125 // गइपरिणयं गई चेव केई निअमेण दविअमिच्छंति / . तं पि अ उड्डगईअंतहा गई अन्नहा अगई // 126 // गुणनिव्वत्तियसन्ना एवं दहणादओ वि दट्ठव्वा / जंतु तहा पडिसिद्धं दव्वमदव्वं तहा होई // 127 / / कुंभो न जीवदविअंजीवो वि न होइ कुंभदविअंति। तम्हा दो वि अदविअं अनोन्नविसेसिआ होति // 128 // उप्पाओ दुविगप्पो पओगजणिओ अ विस्ससा चेव। . तत्थ उ पओगजणिओ समुदयजणिओ अ परिसुद्धो // 129 // 11