________________ जं अप्पुट्ठा भावा ओहीनाणस्स हुंति पच्चक्खा / तम्हा ओहीनाणे दंसणसद्दो वि उवउत्तो ___ // 83 // जं अप्पुढे भावे जाणइ पासइ अ केवली निअमा। तम्हा तं नाणं दंसणं च अविसेसओ सिद्धं // 84 // साईअपज्जवसिअं ति दो वि ते ससमयओ हवइ एवं / परतित्थिअवत्तव्वं च एगसमयंतरुप्पाओ // 85 // एवं जिणपन्नत्ते सद्दहमाणस्स भावओ भावे / पुरिसस्साभिणिबोहे दंसणसद्दो हवइ जुत्तो // 86 // सम्मन्नाणे निअमेण दंसणं दंसणे उ भइअव्वं / सम्मण्णाणं च इमं ति अत्थओ होइ उववण्णं // 87 // केवलनाणं साई अपज्जवसिअंति दाइअं समए / तेत्तिअमेत्तो तूणा केइ विसेसं न इच्छंति // 88 // जे संघयणाईआं भवत्थकेवलिविसेसपज्जाया / ते सिज्झमाणसमम्मि होंति विगइं तओ होइ . // 89 / / सिद्धत्तणेण य पुणो उप्पन्नो एस अत्थपज्जाओ। केवलभावं तु पडुच्च केवलं दाइअं समए // 90 // जीवो अणाइनिहणो केवलनाणं तु साइअमणंतं / इअ थोरम्मि विसेसे कह जीवो केवलं होइ // 91 // तम्हा अन्नो जीवो अन्ने नाणाइपज्जवा तस्स / उवसमिआईलक्खणविसेसओ के वि इच्छंति // 92 // अह पुण पुव्वपउत्तो अत्थो एगंतपक्खपडिसेहे / तह वि उदाहरणमिणं ति हेउपडिजोअणं वोच्छं // 93 // जह कोइ सट्ठिवरिसो तीसइवरिसो नराहिवो जांउओ। उभयत्थ जायसद्दो वासविभागं विसेसेइ // 94 //