________________ जत्थ न जरा, न मरणं, न रोग-सोगा, न चेव दारिदं / न भयं, न इट्ठजोगो, न विओगो जत्थ कइया वि // 924 // साइमणंतं कालं तत्थ सिवम्मि गओ विगयबाहो / जीवो सुहिओ चिट्ठइ पज्जंताऽऽराहणपभावा // 925 // ते सूरा भयवंतो पसंसणिज्जा जए महासत्ता / . पच्चक्खंती जे संघसक्खियं सव्वमाहारं . // 926 / / ते धन्ना, ते नाणी, लद्धो लाभो य तेहिं सव्वेहिं / . आराहणा भयवई पडिवत्रा जेहिं संपुन्ना // 927 // किं नाम तेहि लोए महाणुभावेहि होज्ज न वि पत्तं ? / आराहणा भयवई सयला आराहिया जेहिं // 928 // पुरिसोत्तमाण तेसिं पाए पणमामि सव्वभावेणं / जायइ ममावि जेणं अंते मरणं समाहीए // 929 // आराहणापवनं साहुं पडियरइ जो उ भत्तीए / संपज्जइ निव्विग्घा तस्स वि आराहणा सयला . // 930 // आराहणापडागं एवं जो सम्ममायरइ धन्नो / सो लहइ सुद्धसद्धो तिलोयचंदुज्जलं कित्ति // 931 // कम्माऽऽमयप्पसमणं लच्छिनिवासप्पभूयमिह विबुहा ! / अजरामरपयहेउं सेवह आराहणाअमयं // 932 //