________________ किं जंपिएण बहुणा ? देवा हु सइंदया वि मम विग्छ / तुब्भं पाओवग्गहगुणेण काउं न तरिहिति // 756 // किं पुण छुहा व तण्हा परीसहा वाइयाइरोगा वा। कार्हिति झाणविग्घं इंदियविसया कसाया वा ? // 757 // ठाणा चलिहिइ मेरू, भूमी उम्मत्थिया व जइ होइ। तह वि न पइन्नलोवं काही(?ह) तुब्भं पसाएणं' . // 758 / / अकडुमतित्तमणंबिलमकसायमलवणयं तहा महुरं / अविरसमदुब्भिगंधं अच्छमणुण्हं अणईसीयं // 759 // पाणयमसिंभलं परिपूयं खीणस्स तस्स दायव्वं / जं वा पत्थं खवयस्स तस्स तं होइ दायव्वं // 760 // संथारत्थो खवओ जइया खीणो हविज्ज तो तइया / वोसिरियव्वो पुव्वविहिणेव सो पाणयाहारो // 761 // एवं संथारगयस्स तस्स कम्मोदएण खवयस्स / अंगे कत्थइ उद्विज्ज वेयणा झाणविग्घकरी // 762 // तो तस्स तिगिच्छाजाणगेण खवयस्स सव्वसत्तीए / . विज्जाऽऽएसेण व से पडिकम्मं होइ कायव्वं // 763 // विविहम्मि कीरमाणे पडिकम्मे वेयणाउवसमं से / खवगस्स पावकम्मोदएण तिव्वेण न हु होज्जा // 764 // कोई परीसहेहिं वाउलिओ वेयणावसट्टो वा / ओभासिज्ज कयाई पढमं बिइयं च आसज्ज / / 765 // सारेयव्वो खवओ निज्जामयसूरिणा तओ झत्ति / . जह सो विसुद्धलेसो पच्चागयचेयणो होज्जा // 766 // को सि तुमं ? किनामो ? कत्थाऽसी ? को व संपईकालो ? | किं कुणसि तुमं? किह वा अच्छसि? किंनामको वा हं? // 767 // 84