________________ एए सोलस भेए सहसाउइए उ सहसु उवसग्गे। कम्मविवागवसेणं खमापहाणेण चित्तेण // 684 // भवसयसहस्सदुलहे जाइ-जरा-मरणसागरुत्तारे। ... जिणवयणम्मि गुणाकर ! खणमवि मा काहिसि पमायं // 685 / / पमाओ य मुणिदेहिं भणिओ अट्ठभेयओ / अन्नाणं संसओ चेव मिच्छानाणं तहेव य // .686 // रागो दोसो मइब्भंसो धम्मम्मि य अणायरो / जोगाणं दुप्पणिहाणं अट्ठहा वज्जियव्वओ // 687 // मज्जं विसय कसाया निद्दा विगहा य पंचमी भणिया। . एए पंच पमाया जीवं पाडिति संसारे // 688 // जेसिं तु पमाएणं गच्छइ कालो निरत्थओ धम्मो। .. ते संसारमणंतं हिंडंति पमायदोसेणं / // 689 // पमाएणं महासूरी संपुनसुयकेवली / / अणंताणंतकालं तु णंतकायम्मि संवसे // 690 // आहारगा वि मणनाणिणो वि सव्वोवसंतमोहा वि / हुँति पमायपरवसा, तयणंतरमेव चउगइया // 691 // तम्हा खलु प्पमायं चइऊणं पंडिएण पुरिसेण / - दंसण-नाण-चरित्ते कायव्वो अप्पमाओ उ . // 692 // अभिंतर बाहिरए तवम्मि सत्तं सयं अगूहितो / उज्जमसु सए देहे अप्पडिबद्धो अणलसो तं // 693 // इह य परत्त य तवसा अइसयपूयाओ लभइ सुकएण / आकंपिजंति तहा देवा वि सइंदया तवसा // 694 // कामदुहा वरधेणू नरस्स चिंतामणी व होइ तवो। . होइ य तवो सुतित्थं सव्वासुह-दोस-मलहरणं . // 695 // 58