________________ रइओ परोवयारो तहेव विणेयारिहेसु विणओ वि। . करुणा य पाणिवग्गेसु पक्खवाओ गुणड्डेसु // 348 // एमाई अन्नं पि य जिणवरवयणाणुसारि जं सुकडं / कय कारियमणुमोइयमहयं तं सव्वमणुमोए // 349 // इय नियसुचरियअणुमोयणेण निद्दलियपावपब्भाये / अह चउगइए जीवे इहिं खामेइ समभावो // .350 // तत्थ वि नेरइयाणं रेयणाईपुढविभेयभिन्नाणं / परमाहम्मि-परोप्पर-खित्तजवियणादुहऽत्ताणं // 351 // कुंभीपागं करवत्तदारणं तिक्खसूलियारुहणं / . . वेयरणिनईतारण-तत्तअओपुत्तलीसंगं // 352 // तह कूडसामलीसिहररोहणं कलकलंततउपाणं / असिपत्तवणपवेसण-नासा-कर-पायछेयणयं // 353 // बहुहा कलंबवालुयपुलिणे गुरुभारभरियरहवहणं / भज्जियगं पिव भज्जण, रसियं पिव गालणाईयं // 354 // वल्लूरयं व कप्पण, चुन्नणगं चुनयं व णेगविहं / तत्ततवल्लीतलणं, लोहंगाराइखावणयं // 355 // इय नारयाण दुक्खं अणंतकाले वि जं मया विहियं / तं सव्वं खामेमि, संपइ तिरिए खमावेमि // 356 // तत्थ उ ते पंचविहा एगिदियमाइ जाव पंचिंदी / एगिदिय पंचविहा बायर-सुहमा य पुढवाई // 357 // तत्थ मए सुहुमाणं पज्जापज्जाण दुइ जं विहियं / . तं तिविहेणं गरिहे, अओ परं बायरे खामे // 358 // मट्टी खडी य तुयरी ऊसं अरणिट्ट-अब्भय-पलेवा / वन्नी गेरू लोणं विद्दुम हेमाइया धाऊ // 359 // 30