________________ जो निवडते सत्ते भवंधकूवम्मि पावकम्मवसा / धारेइ, जिणाभिहिओ सो धम्मो हुज्ज सरणं मे n 264 // अन्नाणतिमिरसूरो, विसयकसायग्गिसमणजलपूरो। दुग्गइदुहमुसुमूरो सिवपयकप्पडुमंकूरो // 265 // विणय-अहिंसामूलो, विवेग-सम-दाण-सच्चअणुकूलो। पंचमहव्वय-ऽणुव्वयचूलो, पासंडिपडिकूलो // 266 // तित्थयर-गणहरत्ताइणेगवरलद्धिवियरणे सज्जो / कम्मट्ठवाहिविज्जो, तियसाऽसुरविंदनमणिज्जो // 267 // संसारऽण्णवपवहण-सिवपहसत्थाह-महनिहाणसमो / चिंतामणि-कामगवी-कप्पद्रुम-भद्दकुंभुवमो // 268 // निहयजर-मरण-जम्मो, जिणमग्गपवनदिन्नसिवसम्मो / देसियधम्माऽधम्मो, मयणसरपहारवरवम्मो // 269 // निम्महियपावकम्मो, जीवाइपयत्थपयडणे रम्मो / निदियअहम्मकम्मो, लहुकम्मजियाण अभिगम्मो // 270 // निन्नासियमिच्छत्तो, पयडीकयदेव-धम्म-गुरुतत्तो। सरणं मे जयवित्तो, धम्मो तित्थयरपन्नत्तो // 271 // इय चउसरणमणग्घं काउं भवतिक्खदुक्खसंतत्तो। दुग्गइदुवारफरिहं दुक्कडगरिहें करे इण्डिं // 272 // अन्नाणंधेण मए मइमलहंतेण कहवि जिसमए / इत्थंभवे अन्नेसु य भवेसु जे केइ संठविया / // 273 // आसि कुदेव-कुगुरुणो कुमग्गदेसण-कुधम्मकहणाई / तित्थुच्छेय-कुतित्थयनिम्माणाई अमाणाई // 274 // नाणाइमग्गलोवो जो को विकओ, तहा कुतत्ताई / जाई परूवियाई ताइं सव्वाइं गरिहामि . // 275 // 23