________________ न य दीणया, न सोगो, न पियविओगो, नऽणिट्ठसंजोगो / न य सीयं, न य उण्हं, न य संतावो, न दारिदं // 252 // तत्थ सिवे जे पत्ता तीय-पडुप्पण्ण-ऽणागया सव्वे / निरुवमसुहा, अदेहा, ते सिद्धा हुतुं मे सरणं // 253 // सिद्धसरणंबुधारानिव्वावियपावकम्मवणदावो। . भूमिलियउत्तमंगो पडिवज्जइ साहुणो सरणं . // 254 // दुद्धरपंचमहव्वयजुत्ता, समिईसु सुट्ट उवउत्ता / नवबंभगुत्तिगुत्ता, सतरसविहसंजमुज्जुत्ता // 255 // विगहा-कसायचत्ता, दसविहजइधम्मपालणपसत्ता / छज्जीववहविरत्ता, सिवसुहरत्ता महासत्ता // 256 // समतिणमणि-अरिमित्ता, पसंतचित्ता सया वि अपमत्ता / देहाइनिम्ममत्ता, तिगुत्तिगुत्ता मुणी सरणं // 257 // कयनवकप्पविहारा, अडदससीलंगसहसगुणधारा / गहियसगचत्तदूसणसुद्धाहारा मुणी सरणं // 258 // कामभडदप्पदलणा, वहाइअट्ठदसदोसपरिहरणां / तिव्वपरीसहसहणा, सगवीसऽणगारगुणभवणा . // 259 // पंचिदियसंवरणा, विसय-मयट्ठाणविहियवेरमणा / . निव्वडियचरण-करणा, सरणं ते इंतु मम समणा // 260 // आमोसहि-विप्पोसहि-खेलोसहिपमुहलद्धिसंपन्ना / जिणकप्पिय-ऽहालंदिय-परिहारिय-पडिमपडिवना // 261 // केवलिणो मणपज्जवनाणधरा ओहिणो य पुव्वधरा / . सूरि-उवझायपमुहा य साहुणो हुंतु मे सरणं // 262 / / इय साहुसरणचंदणरसेण निव्वाविऊण अप्पाणं / / पकरेइ धम्मसरणं धरणीयलमिलियभालयलो // 263 // कणा / 22