________________ अहवेवं वयंतो होंतु सुंदरा नियमईऐ ते साहू / जइ पुव्वकयं सयमवि पुणो वि पकुणंति जोगाई // 217 / / अहहो पिच्छसु अन्नाण-विलसियं सावयाण केसि चि।। पच्चक्खविरुद्धे वि हु लग्गंती ताण वयणम्मि // 218 // जत्थ व तत्थ व विहियं सोहणभावेण भव्वणुट्ठाणं / मा निन्दावसु सड्ढे तवाइयं जीव उवएसो // 219 / / सावयजणस्स धम्मस्स फंसया के वि बिंति चेहहरे / पासत्थाईविहिए नो सक्काराइयं कुज्जा // 220 // ते वि हु तट्ठाणाओ सइ सत्तीए निगासणिज्जाओ। नेयं पि सुविहियाणं जुज्जइ वोत्तुं जओ भणियं // 221 / / ववहारछेयगंथे ओसन्नविहारिणीए वइणीए। कारवियं चेइहरं तत्थ य तप्पेरियजणेहिं . // 222 / / विउले सक्कारम्मि सहिय वटुंतयम्मि एत्तो य / . विरहंती तत्थ पवत्तिणीओ पत्ता तर्हि सा ओ . // 223 // अब्भुज्जमि त्ति भणिया अत्थि न वा कोइ एइ चेइहरे / सुस्सूसयरो जंपइ नत्थि च्चिय भणई गुरुणीओ // 224 // उज्जमिउ नो जुज्जइ अ विज्जमाणम्मि तम्मि तुह भद्द / होइ अभत्ती जम्हा इय करणे चेंइयाणं ति // 225 / / अह पुण अविज्जमाणो (णे) सुस्सूसयरे उ उज्जमाविति / तो पच्छित्तं भणियं पयडं ववहारगंथम्मि // 226 // होउ व मा होउ वत्ति य पुत्रं तक्कारयाण सव्वन्नू / जाणंति ते ववहारओ उ जम्हा इमं वयणं // 227 // समयविपत्ती सव्वा आणाबज्झ त्ति भवफला चेव / तित्थयरुद्देसेण वि न तत्तओ सा तदुद्देसा // 228 // 250