________________ सुविहियमिइ मन्नंता अप्पाणं केइ मंदधम्माणं / खेत्तेसु इंति दूसिंति ते उ नेयं वरं जम्हा // 88 // अगीयादाइन्ने खेत्ते अन्नत्थ ठिइअभावम्मि / भावाणुवघायणुवत्तणाए तेसिं तु वसियव्वं // 89 // इहरा सपरुवघाओ उच्छोभाईहिं अत्तणो लहुया / तेसि पि पावबंधो दुगं पि एयं अणिटुंतु // 9 // जइ जीव ! हियच्छेसी तुमं तओ कुणसु अप्पणो इटुं। अणुयत्तणाइजुत्तो पासत्थाईसु तखित्ते . // 91 // पढइ नटो वेरग्गं इच्चाई दंसिऊण केइत्थ / नाणड्डाणमवन्नं कुणंति नेयं वियाणंति - // 92 // नाणाहिओ वरतरं हीणो वि हु पवयणं पभावितो। न य दुक्करं करितो सुट्ट वि अप्पागमो पुरिसो // 93 // छ8मदसमदुवालसेहिं अबहुसुयस्स जा सोही / एत्तो बहुयरिया. पुण हविज्ज जिति(मि)यस्स नाणिस्स // 94 // संसारसंभवाओ दुहाओ जइ जीव ! तंसि निविन्नो / मा नाणीणमवत्रं करेसु ता दीवतुल्लाणं // 95 // गच्छं गुरुवयणं वि य चइडं केइ चरंति धम्मत्थी। तं पि न संगयमेयं जम्हा सुत्ते इमं भणियं // 96 // सुद्धंछाईसु जत्तो गुरुकुलचागाइणेह विन्नेओ / सपरसरजक्खपिच्छत्थघायपायाछिवणतुल्लो (?) // 97 // छट्ठमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं / अकरितो गुरुवयणं अणंतसंसारिओ भणिओ // 98 // हेलाए विहाडियदोसपंजरे गच्छवासगुरुवयणे। / / जीव तुमं थिरचितं करेसु ता सिहरिसिहरं व . // 99 // 248