________________ कहमवि पमायओ जइ आणाभंगं करिस्सह इमस्स / तो एसो न खमिस्सइ, खमंतओ जह अहं पुविं // 132 // ओमो समरायणिओ अप्पतरसुओ त्ति माय णं तुब्भे / परिभवह, एस तुम्ह वि विसेसओ संपयं पुज्जो // 133 // तह होह अप्पमत्ता पंचसु समिईसु तिसु य गुत्तीसु / आवस्सएसु संजम-तवोवहाणेसु विविहेसु . // 134 // सुस्सूसगा गुरुणं, चेंइयभत्ता य विणयजुत्ता य / अच्चासायणविरया गुरुवयणे वच्छला भवह . // 135 // तह चक्कवालसामायरियाए अणुदिणं पि जइयव्वं / / न पमाओ कायव्वो पडिलेहाईसु जोगेसु // 136 // एस अखंडियसीलो बहुस्सुओ य अपरोपतावी य / चरणगुणसुट्ठिओ त्ति य, कित्ती धन्नाण भमइ जए // 137 // बाढं ति भाणिऊणं एयं णे मंगलं ति य गणो से / गुरुगुणगणं सरंतो आणंदंसूणि पाडेइ // 138 // भयवं ! अणुग्गहो णे, जं ने सदेहं व पालिया अम्हे / सारण-वारण-पडिचोयणाओ धन्ना हु पाविति . // 139 // अम्हे वि खमावेमो जं अन्नाण-प्पमाय-रागेहिं / पडिलोविया हु आणा हिओवएसं करिताणं // 140 // सहियय सकनगा ऊ कया सचक्खू य लद्धसिद्धिपहा / तुम्ह वियोगेण पुणो नट्ठदिसाया भमिस्सामो // 141 // सव्वस्सदायगाणं समसुह-दुक्खाण निप्पकंपाणं / . दुक्खं खु विसहियं जे चिरप्पवासो सुहगुरूणं // 142 // सीलड्ड-गुणड्ढेहिं बहुस्सुएहि अपरोपतावीहिं / पवसंतेहि मएहि व देसा ओखंडिया हुति 12