________________ // 120 / / // 121 // // 122 // // 123 // // 124 // // 125 // जो सगिहं तु पलित्तं अलसो न वि विज्झवे पमाएणं / सो किह सद्दहियंव्वो परघरडाहप्पसमणम्मि ? नाणम्मि दंसणम्मि य तवे चरित्ते य समणसारम्मि। न चएइ जो ठवेउं गणमप्पाणं, न गणधारी नाणम्मि दंसणम्मि य चरणम्मि य तीसु समयसारेसु / चोएइ जो ठवेउं गणमप्पाणं स गणहारी पिंडं उवहिं सिज्जं उग्गम-उप्पायणेसणाईहिं / चारित्तरक्खणट्ठा सोहिंतो होइ सचरित्ती एसो सव्वसमासो, तह घत्तह जह हविज्ज भुवणम्मि / तुझं गुणेहि जणिया सव्वत्थ वि विस्सुया कित्ती एवं गणवइमणुसासिऊण गच्छं सबालवुटुं पि / . निद्धाए दिट्ठीए आलोएऊण अप्पाहे . काहामि गच्छवसभा ! पज्जंताराहणं इयाणि तु / . तुम्हाण पालणकए पइट्ठिओ ‘एस गणहारी . परिपालिया मए जह पुविं, इण्डिं तु गणहरो एस / तह पालिस्सइ तुब्भं मेढी आलंबणं जेण तुब्भेहिं तु न एसो संसाराडविमहाकडिल्लम्मि। मुक्खपुरसत्थवाहो जत्तेण खणं पि मोत्तव्वो न य पडिकूलेयव्वं वयणं एयस्स सुगुणासिस्स / एवं गिहवासचाओ जं सहलो होइ तुम्हाणं .. इहरा परमगुरूणं आणाभंगो निसेविओ होइ / विहला य हुंति तम्मी नियमा इहलोय-परलोया ता कलवहनाएणं कज्जे निब्भच्छिएहि वि कहिंचि / एयस्स पायमूलं आमरणंतं न मोत्तव्वं .... . 11 // 126 // // 127 // // 128 // // 129 // // 130 // // 131 //