________________ // 781 // 79 // // 8 // // 8 // : // 82 // सिद्धंतवायणाए गहणं तह गाहणं च सिस्साणं / निम्माणमउव्वाणं सुयसत्थाणं पसत्थाणं वित्तीणं चुनीणं करणं कयपुव्वसूरिगंथाणं / सम्मत्त-सव्वविरईए देसविरईए आरोवो नियमाऽभिग्गहगहणं सयं, परेहिं गहावणं विहिणा। परिगहपमाणगहणं सभंगयं सड्ड-सड्डीणं पडिमारोवो तेसिं तहेव आलोयणापयाणं च / निप्फायणं च विणओवयारनिउणाण सिस्साणं आयरियाण उवज्झाययाण समहत्तराण पयठवणं / थेर-ऽभिसेय-पवत्तिणि-गणवच्छेयाण व गणीणं नवकप्पो य विहारो, समत्थवत्थूण अपडिबंधत्तं / उद्देसियाइयाणं चागं तहऽणेसणिज्जाणे तह बारसहा करणं सभिंतर-बाहिराण य तवाणं / आयारपंचगस्स य तहेव परिपालणा परमा .. मलधारणमवणीए सयणं वासो य गुरुकुलम्मि सया / निस्संगया य निप्पडिकम्मत्तं जयण सयकालं उग्गपरीसहसहणं पमाणओ वा वि वेससंधरणं / / बायालीसेसणदोसवज्जियं पिंडगहणं च . केसुद्धरणं दुसहं, इंदियगामस्स जं वसीकरणं / पंचण्ह वि अट्ठण्ह वि परिहारो वि य पमायाणं उम्मग्गनिवारणयं सुमग्गपट्ठावणं च भव्वाणं / एमाई जं विहियं अणुमोए हं तमप्पहियं आयरियाण मुणीण वि एसा सुकडाणुमोयणा भणिया। नवरं पुण नाणत्तं सूरीणं पंचहि पएहिं // 84 // // 85 // // 86 // // 87 // // 88 // // 89 //