________________ // 66 // = // 67 // = = // 68 // = = // 69 // = = // 70 // = = // 71 // = जिणजम्माइसु ऊसवकरणं तह महरिसीण पारणए / जिणसासणम्मि भत्ती पमुहं देवाणमणुमन्ने तिरियाण देसविरई पज्जंताराहणं च अणुमोए / सम्मइंसणलंभं अणुमन्ने णारयाणं पि सेसाणं जीवाणं दाणरुइत्तं सहावविणयत्तं / तह पयणुकसायत्तं परोवयारित्त भव्वत्तं दक्खिन्न दयालुत्तं पियभासित्ताइविविहगुणनिवहं / सिवमग्गकारणं जं तं सव्वं अणुमयं मज्झ इय परकयसुकयाणं बहूणमणुमोयणा कया एवं / अह नियसुचरियनियरं सरेमि संवेगरंगेणं धम्मो जिणपन्नत्तो तिन्नि य सन्नाण-दसण-चरित्ता / परिपालणाइ विहिया सम्मं चरणस्स. करणस्स आयरिय-वायगाणं वायणसूरीण थेर-सेहाणं / खवगाण गिलाणाणं वेयाक्च्चं कयं जं च .. समिईणं गुत्तीणं सतरसविहसंजमस्स किं पि मए / परिपालणं च विहियं नवगुत्तिसणाहबंभस्स सत्तण्ह मंडलाणं करणं गहणं चउण्ह कालाणं / सज्झायस्स विहाणं विणयम्मि य जं समाहाणं कालियसुयस्स गुणणं अंगाणमुवंगजोगवहणं जं / अणहिय-अहीणकरणं पडिलेहाऽऽवस्सयाईणं तह चक्कवालदसविहसामायारीई पालणं सययं / सिरिधम्मदेसणाए वक्खाणस्स य विहाणाइ पडिबोहो भव्वाणं अउव्वसत्थावगाहणं सययं / . सेहाइयाण परिपाढणं च अगिलाणयाए य // 72 // // 73 // // 74 // // 75 // // 76 // . // 77 // 160