________________ तणुसंलेहण तिविहा उक्कोसा मज्झिमा जहन्ना य / बारस वासा बारस मासा पक्खा वि बारस उ // 6 // चत्तारि विचित्ताइं विगईनिज्जूहियाइं चत्तारि / संवच्छरे य दुन्नि य एगंतरियं च आयामं // 7 // नाइविगिट्ठो य तवो छम्मासे परिमियं च आयामं / अन्ने वि य छम्मासे होइ विगिटुं तवोकम्म // 8 // वासं कोडीसहियं आयाम कट्ट आणुपुव्वीए / गिरिकंदराइ गंतुं पाउवगमणं अह करिज्जा // 9 // संलेहणा सरीरे बारसवरिसेहिं जा कया मुणिणा / सयला वि सा निरत्था जाव कसाए न संलिहिए // 10 // नाण-तव-चरण-संजम-करण-विणय-दाण-सील-झाणेहिं / जं पुव्वकोडिजणियं तं पुण्णं हणइ कोहग्गी // 11 // गंधव्व-नट्ट-हय-गय-मल-मल्लयगइ-पवेसठाणाई / वज्जइ आराहणजुओ झाणस्सं विघायकारीणि ... // 12 // गीयत्थगुरुसमीवे वंदियमालोयए जहायरियं / / सुगुरुसय(?)सिद्धसक्खं भावेणाऽऽलोयए सम्म // 13 // मूलगुण उत्तरगुणे कहवि पमाओ कओ मए को वि। अरहंताईसक्खं मिच्छा मे दुक्कडं तस्स। // 14 // नाणम्मि दंसणम्मि य तवे चरिते य वीरियायारे / राग-दोसेहिं कयं तिविहाऽऽलोएमि अइयारं // 15 // भवसयसहस्स दुलहं, संका-कंखाइदोसपणरहियं / . सगसट्ठिभेयसुद्धं सम्मत्तं मे सया होउ // 16 // चउसद्दहण तिलिंगं दसविणय तिसुद्धि पंचगयदोस / अट्ठपभावण भूसण-लक्खणपंचविहसंजुत्तं - // 17 // 12