________________ // 924 // // 925 / / // 926 // // 927 // // 928 // // 929 // पुढवी-आऊ-तेऊ-वाउ-वणस्सइ-तसेसु साहरिओ। वोसट्ठ-चत्तदेहो अहाउयं पालइ महप्पा मंडणगंधालोय(?लेव)णभूसियदेहो व जावजीवं सो। झाएइ निच्चनिच्चलमणिमिसमंगंवर(?धरो) धीरो उवसग्गेण वि जं सो साहरिओ क्रुणइ कालमण्णत्थ / तो भणियं नीहारिममियरं पुण निरुवसग्गम्मि. आगाढे उवसग्गे दुब्भिक्खे सव्वओ दुरुत्तारे / अविहिमरणं पि दिटुं कज्जे कडजोगिणो सुद्धं कोसलयधम्मसीलो अटुं साहेइ गद्धपिटेणं / नयरम्मि य कुल्लइरे चंदसिरिं विप्पभूईणं जिणकप्पिओ उरालो पाडलिपुत्ते पउत्थवइयाए / अंसग्गहमावडिओ धीरो वेहाणसमकासि अरिमारएण निवइम्मि मारिए गहियसमणलिंगेण / उड्डाहपसमणत्थं सत्थग्गहणं कयं गणिणा . सयडालेण वि तइया विसप्पओगेण साहिओ अट्ठो / वररुइपओगरुढे दिढे नंदे महापउमे अह सो पाओवगओ धम्म सुक्कं च सुट्ट झायंतो / उज्झियदेहो जायइ कोई वेमाणियसुरेसु कोई पाओवगओ निच्चेट्ठो सुट्ठ धम्म-सुक्काई / झायंतो अपमत्तो अउव्वकरणेण सुभलेसो निम्महिय मोहजोहं सावरणं खवगसेढिमारूढो / सुहडो इव रणसीसं केवलरज्जं समज्जिणइ 'उक्कस्सएण कम्मा साउगसेसं पि केवली जाया। वच्चंति समुग्घायं, सेसा भज्जा' भणंतेगे // 930 // // 931 // // 932 // // 933 // // 934 // 15