________________ // 912 // // 913 // // 914 // // 915 // // 916 // // 917 // सव्वो पुग्गलकाओ अहव सुहत्ताए तस्स परिणमइ / तह वि न से संजायइ विसोत्तिया सुद्धझाणस्स सच्चित्ते साहरिओ सो तत्थुप्पिक्खए विमुक्कंगो / स्वसंते उवसग्गे जयणाए थंडिलमुवेइ / वायण-परियट्टण-पुच्छणाओ मुत्तूण तह य धम्मकहं / सुत्त-ऽत्थपोरिसीए सरेइ सुत्तं च एगमणो एवं अट्ठ वि जामे अतुयट्टो झायई पसण्णमणो / आहच्च निद्दभावे वि नत्थि थेवं पि सइनासो सज्झाय-कालपडिलेहणाइयाओ न संति किरियाओ। जम्हा सुसाणठाणे वि तस्स झाणं न पडिकुटुं आवासयं च सो कुणइ उभयकालं पि जं जहिं कमइ / उवहिं पडिलेहेइ य मिच्छक्कारो य से खलिए वेउव्वण-माहारय-चारण-खीरासवाइलद्धीओ। . कज्जे वि समुप्पण्णे विरागभावा न सेवइ सो. मोणाऽभिग्गहनिरओ आयरियाईण पुव्ववागरओ / देवेहि माणुसेहि य पुट्ठो धम्मक्कहं कहइ एवमहक्खायविहिं साहित्ता इंगिणीधुयकिलेसा / सिझंति केइ, केई हवंति देवा विमाणेसु . एवं इंगिणिमरणं सुयाणुसारेण वण्णियं विहिणां / पाओवगमणमित्तो समासओ चेव वण्णिस्सं पढमिल्लयसंघयणो संलिहियप्पाऽहवा असंलिहिओ / नीहारिममियरं वा पाओवगमं कुणइ धीरो जं पायवो व्व उद्घट्ठिओ ब्व पासल्लिओ व्व सो झाइ / उव्वत्तणाइरहिओ निच्चेट्ठो होइ सो तम्हा // 918 // // 919 // // 920 // // 921 // // 922 // // 923 // 155