________________ एयं निरुद्धतरयं मरणमणीहारिमं अवीयारं / सो चेव जहाजोगं पुव्वुत्तविही हवइ तम्मि // 900 // वायाइएहिं जइया अक्खित्ता हुज्ज भिक्खुणो वाया। . . तइया परमनिरुद्धं भणियं मरणं अवीयारं // 901 // नच्चा संवट्टिज्जंतमाउयं सिग्घमेव सो भिक्खू / अरहंत-सिद्ध-साहूण अंतियं सव्वमालोए - // 902 // एवं भत्तपरिण्णा सुयाणुसारेण वण्णिया एसा / इत्तो इंगिणिमरणं भणामि सम्मं समासेणं // 903 // जो भत्तपरिण्णाए उवक्कमो वण्णिओ सवित्थारो। सो चेव जहाजोगं उवक्कमो इंगिणीमरणे // 904 // संलिहियदव्व-भावो इंगिणिमरणम्मि बद्धववसाओ / आइमइयसंघयणे धीमंतो खामिउं सयणं // 905 // अंतो बाहिं च तओ विसुद्धमारुहिय थंडिलं इक्को / संथरिय तणाई तहिं उत्तरसिरमहव पुव्वसिरो // 906 // अरहादिअंतिगे सो सीसम्मि कयंजली विसुद्धमणो / आलोयणं च दाउं वोसिरइ चउव्विहाहारं // 907 // सयमेव अप्पणा सो करेइ आउंटणाइकिरियाओ। उच्चाराइ विगिचइ सयं च सम्मं निरुवसग्गे // 908 // जाहे पुण उवसग्गा दिव्वा माणुस्सया व से हुज्जा / ताहे निप्पडिकम्मो ते अहियासेइ विगयभओ // 909 // पत्थिज्जंतो वि तओ किण्णर-किंपुरिसदेवकण्णाहिं / . न य सो तहा वि खुब्भइ, न विम्हयं कुणइ रिद्धीए // 910 // जइ से दुक्खत्ताए सव्वे वि य पुग्गला परिणमिज्जा / तह वि न से थेवा वि हु विसोत्तिया होइ झाणस्स // 911 // 154